Sonbhadra News : नवें दिन माँ सिद्धिदात्री के हवन-पूजन के साथ भंडारे का हुआ आयोजन
सोनभद्र
9:06 PM, Oct 1, 2025
क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर आयोजित पूजा पंडालों में हवन पूजन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन हुआ


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धर्मेन्द्र गुप्ता (संवाददाता)
विंढमगंज (सोनभद्र)। थाना क्षेत्र के महुली कस्बे सहित ग्रामीण अंचलों में चल रहे नवरात्र के नवें दिन क्षेत्र के बिभिन्न प्रमुख स्थानों पर पंडालों में मातारानी की नवें स्वरूप के पूजन के बाद हवन का कार्यक्रम हुआ।
नवरात्र के नवें दिन मातारानी के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा अर्चना की गयी।मातारानी का यह महालक्ष्मी का ही स्वरूप है। क्षेत्र के प्रमुख स्थानों पर माता रानी की प्रतिमा की पूजन अर्चन के बाद सर्वप्रथम नौं कन्याओं को भोजन कराकर भंडारे की सुरुआत की।
शनिचर बाजार स्थित शिव मंदिर में हवन-पूजन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।वहीं स्टेशन रोड स्थित नवयुवक दुर्गा पूजा समिति द्वारा भी भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
वहीं कोरगी में भी हवन-पूजन के बाद नव कन्याओं को भोजन कराया गया।
विभिन्न स्थानों के आयोजकों में ग्राम प्रधान अरविन्द जायसवाल,सेकरार अहमद, नन्दलाल गुप्ता,उदय शर्मा, लालमणि शर्मा, राजकुमार शर्मा,शिवदास शर्मा, भगवान दास,मुलायम यादव,मनोज भारती, धर्मेन्द्र मौर्या इत्यादि उपस्थित रहे।
क्या है मान्यता_
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माँ सिद्धिदात्रि की पूजा नौंवे दिन की जाती है। ये देवी सर्व सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी हैं। उपासक या भक्त पर इनकी कृपा से कठिन से कठिन कार्य भी चुटकी में संभव हो जाते हैं। हिमाचल के नंदापर्वत पर इनका प्रसिद्ध तीर्थ है।
अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ सिद्धियां होती हैं। इसलिए इस देवी की सच्चे मन से विधि विधान से उपासना-आराधना करने से ये सभी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।
भगवान शिव ने भी इस देवी की कृपा से ये तमाम सिद्धियां प्राप्त की थीं। इस देवी की कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। इस देवी के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बाईं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है। इसलिए इन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है।