Sonbhadra News : सोनभद्र के फॉसिल्स को यूनेस्को ने दी वैश्विक मान्यता, वेबसाइट पर हुई आधिकारिक अपलोडिंग
sonbhadra
12:55 PM, Jun 24, 2025
यूनेस्को ने इन जीवाश्मों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर स्थान देकर इसकी वैज्ञानिक व ऐतिहासिक महत्ता को स्वीकार किया है। यूनेस्को के वेबसाइट पर अपलोडिंग के साथ अब इसकी ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर हो रही है।


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शान्तनु कुमार/नीरज सिंह
सोनभद्र । उत्तर प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र सोनभद्र जिले में पाए गए करोड़ों वर्ष पुराने जीवाश्म (Fossils) को अब यूनेस्को (UNESCO) ने वैश्विक पहचान दे दी है। हाल ही में यूनेस्को ने इन जीवाश्मों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर स्थान देकर इसकी वैज्ञानिक व ऐतिहासिक महत्ता को स्वीकार किया है। यूनेस्को के वेबसाइट पर अपलोडिंग के साथ अब इसकी ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है ।
क्या हैं ये जीवाश्म?
यह जीवाश्म सोनभद्र जिले के सलखन क्षेत्र में पाए गए हैं, जिन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से Precambrian Era (लगभग 160 करोड़ वर्ष पहले) का माना जाता है। यहां पाए गए फॉसिल्स में Stromatolites जैसे सूक्ष्म जीवों के अवशेष प्रमुख हैं, जो धरती पर जीवन की उत्पत्ति के शुरुआती प्रमाण माने जाते हैं। माना जाता है कि कभी समुद्र की लहरें इन इलाकों में हिलोरें मारा करती थी ।
कहां मिले थे फासिल्स?
पहले फासिल्स यूं ही खुले में पड़े थे, जैसे जैसे इसकी पहचान बढ़ी इसकी सुरक्षा पर भी खतरा मंडराने लगा। कई जगहों से इसकी टूट-फूट ने धरोहर को बचाने की आवाज उठने लगी । मौजूदा समय में तार से इसका सुरक्षा घेरा बना दिया है ।
यूनेस्को की वेबसाइट पर क्यों हुआ अपलोड?
यूनेस्को द्वारा इन्हें अपनी वेबसाइट पर शामिल करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और आम लोग इन जीवाश्मों की जानकारी प्राप्त कर सकें। इससे भारत और खासकर सोनभद्र जिले का नाम वैश्विक मानचित्र पर उभरकर सामने आया है।
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विशेषज्ञों की राय :
विशेषज्ञ मानते हैं कि “सोनभद्र में पाए गए जीवाश्म केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक अनमोल धरोहर हैं। इनसे हमें धरती पर जीवन की उत्पत्ति और उसके क्रमिक विकास को समझने में मदद मिलती है।” यह अमेरिका के येलो स्टोन पार्क से भी ज्यादा मात्रा में है ।